Cortisone बंद किये जाते हि सफ़ेद दाग फिर से उभरने लगते है |
कॉर्टिसोन या स्टिरॉइड ज्यादा समय तक मददगार नहीं होती -
सामान्यतः डॉक्टरों के द्वारा कार्टिसोन या कर्टिकोस्टेराईड या स्टेरॉइड प्राथमिक उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है | साथ ही सामान्य रूप से टेबलेट तथा इंजेक्शन दिए जाते हैं | कार्टिसोल केवल शुरुआत में ही काम आता है | सामान्यतः यह भी देखा गया है कि जैसे ही कार्टिसोन के इंजेक्शन बंद किये जाते हैं सफ़ेद दाग फिर से उभरने लगता है, बल्कि दुबारा ज्यादा तेजी से फैलने लगता है एवम ऐसे उपचारित करना ज्यादा कठिन हो जाता है | यह राय सफ़ेद दाग के मामलों, जिन्होनें अतीत में कार्टिसोन का सेवन किया है की हमारी व्यापक अध्ययन पर आधारित है। कार्टिसोन का इंजेक्शन लेने से पहले प्रत्येक रोगी या माता-पिता को यह ध्यान देना चाहिए कि इससे एक सीमित समय के लिए ही सफ़ेद दाग से छुटकारा मिल सकता है |
- कॉर्टिसोन सफ़ेद दाग को ठीक करता है |
- कॉर्टिसोन से ठीक हुए सफ़ेद दाग के दुबारा हो जानें पर उसे ठीक करना कठिन होता है |
- सफ़ेद दाग के किसी भी चरण में हमें स्टेरॉइड के इलाज से बचना चाहिए |
- कॉर्टिसोन हमें इसे हमेशा उपयोग करते रहने के दुष्चक्र में डालता है |
(हमारे केंद्र पर सफ़ेद दाग के 1200 से अधिक मामलों, जो पहले कार्टिसोन के साथ इलाज किया गया है, का एक सांख्यिकीय अध्ययन के आधार पर टिप्पणी)
यह लेख सफ़ेद दाग के मामलों और अन्य बीमारियों के जो अन्य पारंपरिक इलाज कर रहे हैं कार्टिसोन के उपयोग की एक बड़ी संख्या के उपचार में हमारे व्यापक अनुभव के आधार पर लिखा गया है।यह अध्ययन कई प्रतिष्ठित होम्योपैथिक पेशेवरों के अनुभव के द्वारा समर्थित है |
होम्योपैथी चिकित्सा तकनीक के आधार पर सफ़ेद दाग के उपचार के लिए कार्टिसोन का उपयोग पूरी तरह से अवांछनीय है |कार्टिसोन का उपयोग कर हम अपने प्रतिरोधक क्षमता का दमन कर अपने अनुसार परिणाम प्राप्त कर सकते हैं परंतु इसके उपयोग को बंद करने के पश्चात् फिर से विपरीत परिणाम आने लगते हैं |
यह देखा गया है की शुरुआत में कार्टिसोन के उपयोग से बहुत ही नाटकीय रूप से सही परिणाम मिलते हैं, परंतु इसका परिणाम स्थायी न होकर अस्थायी होता है, और कुछ समय बाद सफ़ेद दाग के धब्बे फिर से दिखाई देने लगते हैं |
कार्टिसोन के नियमित प्रयोग निम्नलिखित कारणों से नकार दिए जाते हैं -
टैक्रोलिमस, प्रोटोपिक एवं इलिड्ल पर चर्चा -
कुछ मलहम के प्रयोग से कैंसर की चेतावनी -
उपचार के तरीकों में लोगों ने स्टेरॉइड को सफ़ेद दाग ठीक करने की अचूक दावा मानी है | इसके बाद कुछ नए उत्पाद जैसेपेमिक्रोलीमुस तथा टेक्रोलिमस एग्जीमा, सोरायसिस या सफ़ेद दाग के लिए सबसे सुरक्षित दावा मानी जाने लगी है | हालांकि, हाल के अध्ययन का सुझाव दिया गया है कि इस तरह की सामयिक क्रीम बच्चों के बीच त्वचा कैंसर के 28 मामलों का उत्पादन किया है । On January 20, 2005 the FDA declared that Protopic will have to bear a "black box" warning indicating possible cancer risks. (Source: 1, 2)
01 कार्टिसोन के उपयोग को बंद करते ही सफ़ेद दागके लक्षण फिर से उभरने लगते हैं |
02दूसरी बार उभरने वाले सफ़ेद दाग के प्रभाव पहली बार से ज्यादा होते हैं तथा साथ ही कुछ दवाओं के प्रति प्रतिरोधक भी हो जाते हैं |
03 कार्टिसोन के उपचार बंद कर देने के बाद इस रोग के फिर से उभरने पर कम शक्ति वाली दवाओं से इनका उपचार नहीं किया जा सकता |
04 स्टेरॉइड का उपयोग बंद कर देने के बाद चकत्तों का आकार ज्यादा तेजी से बढ़ने लगता है |
05 कार्टिसोन के लगातार उपयोग करते रहने से शरीर में कई तरह की व्याधियां जैसे - दुर्बल प्रतिरोधक क्षमता या फिर अनियमित हार्मोनल चक्र |
06 कॉर्टिसॉल आत्मनिर्भरता को समाप्त कर दूसरों पर निर्भरता को बढ़ा देता है |
आइये हम कॉर्टिसॉल के दमनकारी स्वभाव के बारे में विस्तार से चर्चा करें -
जैसा की हम जानते है की सफ़ेद दाग का सबसे मुख्य कारण हार्मोनल चक्र का सुचारू रूप से न चलना | कॉर्टिसॉल इसके उपचार में सिर्फ उसके बढ़ने पर रोक लगाता है| इसे पूरी तरह से जड़ से समाप्त नहीं करता है | इस तरह के उपाय को दमनकारी उपाय समझा जाता है | किसी भी त्वचा सम्बंधित रोग के लिए होम्योपैथी किसी भी मलहम के प्रयोग को पूरी तरह से वर्जित मानता है | गैर- दमनकारी उपचार किसी भी चिकित्सा विकार के लिए बेहतर माना जाता है |
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