डॉ राजेश शाह, एम.डी., सफ़ेद दाग विशेषज्ञ
डॉ राजेश शाह वर्ष १९८४ से ही सफ़ेद दाग पर कार्य कर रहे हैं | अपने अनुसन्धान कार्य के दौरान उन्होंने अपने नाम से इस विषय पर कई पेटेंट कराये हैं | उनका अनूठा उपचार तरीका दुनिया भर के सफ़ेद दाग मरीजों के लिए उपलब्ध कराया गया है । डॉ शाह सफ़ेद दाग और अन्य बीमारियों के लिए व्यापक वैज्ञानिक क्लिनिकल परीक्षण में शामिल हैं | सफ़ेद दाग से ग्रसित १७७ देशों के विभिन्न रोगी डॉ शाह की देखभाल में हैं, जो की आपने आप में एक विश्व कीर्तिमान है |
सफ़ेद दाग के लिए उपचार की अवधि क्या है : सफ़ेद दाग एक जिद्दी , कठिन रोग, काफी हद तक लाइलाज माने जाना वाला रोग है | जैसा की यह मालूम है कि यह लंबे समय तक चलने वाला रोग है, इसलिए इसके उपचार में वांछनीय परिणाम प्राप्त करने में बहुत अधिक समय लगता है | इसके लिए सही समय का अनुमान नहीं लगाया जा सकता | फिर भी, होम्योपैथी एक उत्कृष्ट उपचार और सफ़ेद दाग के अधिकांश मामलों के लिए एक आशा प्रदान करता है। हमारे मरीजों में से अधिकांश 4 से 8 सप्ताह के भीतर सुधार शुरू कर देते हैं। उपचार कि अवधि कम से कम ६ महीने से लेकर दो वर्ष तक होनी चाहिये |
विस्तार- एक या कुछ (२ से ९ ) धब्बों का उपचार करना, ज्यादा धब्बों के उपचार से सरल होता है |
धब्बों का आकर - छोटे धब्बे, बड़े धब्बों से ज्यादा आसानी से उपचारित हो जाते हैं |
शरीर के एक पृष्ठ पर संक्रमित त्वचा के धब्बे दोनों ओर होने वाले धब्बों से ज्यादा आसानी से उपचारित होते हैं |
अँगुलियों के शीर्ष भाग, होंठ, तथा मुख के किनारों का उपचार किया जाना आसान नहीं होता है, इसके लिए उपचार कि लंबी अवधि कि आवश्यकता होती है |
उपचार कि प्रतिक्रिया बच्चों और युवा व्यक्तियों के मामले में बेहतर है। बहुत से रोगी शुरुआत के चार महीने में ही वर्णकों के फिर से बनाने तथा सफ़ेद दागप्रभाव के कम होने जैसे सुधार शुरू कर देते हैं |
सफ़ेद दाग का उपचार कैसे प्रारम्भ करें -
सफ़ेद दागका उपचार इंटरनेट या टेलीफोन के माध्यम से दुनिया भर में सभी रोगियों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है । हमारे पास लाइफ फ़ोर्स में दुनिया भर के लगभग १७७ देशों के रोगी है जो कि डॉ राजेश शाह कि देख रेख में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं |
सफ़ेद दागके लिए आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली होम्योपैथिक की कुछ औषधियां -
- आर्सेनिकम - सल्फ्यूरियम - फ़्लेवम
- सिलिका
- फास्फोरस
- सल्फर
- नाइट्रिक एसिडम
- काली कार्बोनियम
- हाइड्रोकोटाइल एशी
- कार्सिनोसिन
- सिफिलीनम
- सेपिया ( एक प्रकार की मछली )