सफ़ेद दाग के कारण (Causes Of Vitiligo)

Causes of Vitiligo Theories related to Vitiligo

सफ़ेद दाग नामक रोग के सही कारणों का अभी तक पाता नहीं चला है | हालाँकि इस रोग पर बहुत से प्रयोग किये गए हैं, जिससे सफ़ेद दागके बढते प्रभाव का पाता चलने लगा है | ज्यादातर मामलों में सफ़ेद दागके कई कारण जिम्मेदार होते हैं | यहाँ सफ़ेद दागके लिए जिम्मेदार कई - अलग अलग कारणों के बारे में बताया गया है –

(अ). स्वतः प्रतिरक्षा प्रणाली - (Autoimmun system link ) : यह कारण सबसे मुख्य कारणों में से एक है, कोशिकाओं का आपस में प्रतिस्पर्धा कर एक दूसरे का विनाश कर लेना है , जिससे मेलेनिन वर्णक के बनाने में अनियमितता आ जाती है | इसके आलावा और भी बहुत से प्रतिरक्षा कारक इस रोग के लिए जिम्मेदार होते है | एक अध्ययन के अनुसार यह सुझाव दिया गया है कि नयूरोपेप्टिक (neuropeptic NYP ) रासायनिक यौगिक मेलेनिन को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार होते है |त्वचा पर चोट लगना या फिर कोई मानसिक अर्थात भावनात्मक परेशानी के समय नयूरोपेप्टिक रसायन का स्राव होता है | अतः इस रोग के लिए एक बार फिर से प्रेरणात्मक कारकों की ओर इशारा किया गया है |

(ब) हार्मोनल कारक : थायरॉइड हार्मोन या मेलेनिन वर्णक बनाने वाले हार्मोन जैसे मिलेनोसाइट उत्तेजक हार्मोन (MSH ) की अनियमितताएं सफ़ेद दागरोग का कारण बन सकते हैं | किसी शरीर में सफ़ेद दागरोग की उपस्थिति एवं किसी आनुवांशिक त्रुटि का समकालीन होना जेनेटिक कारकों की ओर इशारा करता है |

(स ) आनुवांशिक सिद्धांत |

(द) तांत्रिक तंत्र सिद्धांत |

(ई ) ऑटोटॉक्सिक सिद्धांत

इस सिद्धांत के आधार पर मेलेनोसिट कोशिका का स्वतः विनाश होता है| जिसकी वजह से मेलेनिन नहीं बन पाता | यह आनुवंशिक , प्रतिरक्षा , तंत्रिका या तनाव कारकों का परिणाम हो सकता है|

कुछ कारक जो की आतंरिक या बाह्य होते हैं, और जो की इस रोग को बढ़ाते तथा कम करने में सहायक होते हैं | लगभग सभी मामलों में इस रोग के लिए कई कारक मिलकर जिम्मेदार होते हैं |

किसी एक परिवार के २० से ३० % सदस्यों में इस रोग को देखा गया है| माता - पिता में से किसी एक को भी सफ़ेद दाग होने पर उनके बच्चों में इसके होने की सम्भावना ज्यादा होती है| लेकिन ऐसा होना जरुरी नहीं है| ऐसे भी सफ़ेद दागके मामले देखे गए हैं जिनके परिवार में कभी भी किसी को सफ़ेद दागनहीं हुआ |

एक अध्ययन के अनुसार एक महत्त्वपूर्ण अवलोकन किया गया है कि सफ़ेद दागसे ग्रसित रोगी के परिवार में कोई न कोई एक सदस्य माता , पिता , दादा, दादी, नाना, नानी आदि कोई भी हो निम्नलिखित रोग में से कम से कम एक रोग से प्रभावित होता है :

(अ ) सफ़ेद दाग|
(ब) हाइपोथायरॉइड (hypothyroidism )
(स ) मधुमेह
(द ) एलोप्सिया एरेटा ( Alopecia areate ) (बालों का गूछों में झड़ना )
(ई) कैंसर
(फ ) अन्य स्वतः प्रतिरक्षा से सम्बंधित बीमारियां ( सोराइसिस , संधिशोथ, लाइकेन प्लान्स आदि )
(य) किसी चोट के बाद सफ़ेद दागका होना |

हमारे एक अध्ययन से पता चला है कि जिनके शरीर में सफ़ेद दागबहुत अधिक फैला हुआ है या फिर जिनके शरीर में सफ़ेद दागअभी शुरू हुआ है परंतु शरीर के दोनों ओर है, उनमे ये अनुवांशिक कारक बन जाते हैं | इस अध्ययन से यह स्पष्ट हो जाता है कि सफ़ेद दागके लिए आनुवंशिकी एक सबसे महत्वपूर्ण कारक है |

How Stress Affects Vitiligo

सफ़ेद दाग और हाइपोथायरायडिज्म -

शोध बताते हैं कि सफ़ेद दागऔर हाइपोथायरायडिज्म (Under active thyroid) अक्सर एक ही जीन ( NALP1 जीन ) से प्रभावित होते हैं। सफ़ेद दाग के सभी रोगियों को थायराइड प्रोफ़ाइल हर छह महीने में कराय जाने का सुझाव दिया जाता है। थायराइड प्रोफ़ाइल के लिए रक्त का नमूना लेकर उसमें T3 , T4 और TSH ( थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन ) हार्मोन कि उपस्थिति का अध्ययन किया जाता है ।

चोट के बाद सफ़ेद दाग- सफ़ेद दाग के कुछ मामलों में , मरीजों को किसी भी खरोंच या चोट के बाद वर्णक खोने या विकसित सफ़ेद दागसे ग्रसित होने का खतरा बढ़ जाता है | इस तरह का ही एक उदाहरण इस पृष्ठ पर देखा जा सकता है |

अन्य कारक - उपरोक्त कारकों के अलावा कुछ अन्य सहायक कारक भी होते हैं , जो इस रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं , जैसे तंग कपडे पहनना मुख्यतः कमर से , अपने व्यवसाय से सम्बंधित दुर्घटना से बचाव के लिए रबर के दस्ताने पहनना आदि | लंबे समय तक किसी दवा का प्रयोग करते रहने से भी मेलेनिन वर्णक के बनने में अनियमितताएं आ जाती हैं | लेकिन बहुत से मामले ऐसे होते हैं मुख्यतः बच्चों के, जिनमे सफ़ेद दाग विकसित होने के कोई प्रमाण नहीं मिलते |

सभी का सोचना और मनना यही है की इस अनियमितता का कारण मेलेनोसाइट वर्णक का सही तरीके से ना बनना या अनियमित तरीके से बनना है , जिसके लिए कई ज्ञात तथा अज्ञात कारण जिम्मेदार हैं |

यहाँ यह बता देना अति महत्वपूर्ण है की उपरोक्त व्याख्या लगभग ६५०० से अधिक मामलों का अध्ययन कर दिया गया है , इन सब का किसी मानक त्वचाविज्ञान की किताब में उल्लेख नहीं मिलता है | अन्य कुछ महत्वपूर्ण बीमारियों की तरह हम आज भी सफ़ेद दाग के बारे में समझ तथा खोज रहे हैं |

अन्य कुछ रोगों की तरह सफ़ेद दाग का कारण आज भी रहस्य बना हुआ है|

दाद, सोरायसिस तथा सफ़ेद दाग- कुछ मामलों में ऐसा लगता है की दाद तथा सोरायसिस सफ़ेद दाग से सम्बंधित हैं , क्योंकि कई मामलों में दाद तथा सोरायसिस का कारण त्वचा में वर्णकों की अनियमितता है , जिसका उपचार करना आसान नहीं होता | यहाँ आप इन रोगों जैसे अन्य रोगों का वर्णन देख सकते हैं |

Lichen planus vitiligo psoriasis with vitiligo on hand vitiligo-after-injury

Question to Dr. Shah's Team
About Dr. Rajesh Shah
Facts & Myths Homeopathy
Find help for your Disease
Over 2000 Case Studies
Dr. Rajesh Shah Research Work

Vitiligo Case Studies

A 29-year-old male patient, Mr. S.Z. (PIN: 19775) visited Life Force and started homeopathic treatment for the complaint of vitiligo in August 2012.

 

He was suffering from Vitiligo since a year. The patches were majorly present on his chest, abdomen, and thighs. When he .....Read more

 

A 45-year-old male patient, Mr. Rakesh (Name changed) (PIN: 39195) came to Life Force and started Homeopathic treatment for his complaints of Vitiligo in 2019.

 

He was suffering from vitiligo for the last 5 years, and vitilig.....Read more

A 19-year-old female patient, Ms. P.B. (PIN: 35642) visited the Borivali branch of Life Force on 11th February 2018 for the treatment of her Vitiligo.

 

She had hypopigmented patches on her right eyelid and chin for one year. The patches were increasing in size.....Read more

Other More Case Studies

Vitiligo Testimonials

Other More Testimonials

Vitiligo Case Photos

Results may vary from person to person

Other More Case Photos

Vitiligo Videos

Results may vary from person to person

Symptoms of Vitiligo: Mild, Moderate and Severe Vitiligo Symptoms by Dr Shah

Vitiligo

A book on Vitiligo by Dr Rajesh Shah who has treated 6000+ cases of vitiligo

Other More Videos