सफ़ेद दागसे कैसे सामना किया जाय इसके लिए डॉ राजेश शाह बताते हैं -
1) एक रोगी के रूप में सफ़ेद दाग के साथ मुकाबला : -
सबसे पहले रोगी को अपने आप को आश्वस्त करना होगा कि सफ़ेद दागकोई गंभीर बीमारी नहीं है | सफ़ेद दागसर्दी, जुकाम, खांसी आदि से भी कम गंभीर है, जिससे दुनिया कि लगभग २०% आबादी हमेशा पीड़ित होती है | इसके आलावा अपनी सोच में यह परिवर्तन लाना है कि सफ़ेद दाग किसी भी तरह से शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है | सफ़ेद दाग कोई गंभीर बीमारी नहीं है | सफ़ेद दाग चिकित्सीय रोग से अधिक सामाजिक रोग है |
सफ़ेद दाग के उपचार में यह सबसे जरूरी है कि सकारात्मक सोच के साथ उपचार कि सटीक विधि का चुनाव किया जाए |
यह बात भी बहुत जरूरी है कि किसी भी सफ़ेद दाग रोगी को कभीभी शर्म, उदास या चिंतित महसूस नहीं करना चाहिए |
सामाजिक परिस्थितियों तथा समाज के लोगों को हमें नकारना नहीं चाहिए | यदि समाज के लोग यह समझ जाएंगे कि सफ़ेद दाग एक रोग नहीं बल्कि वर्णक से सम्बंधित केवल त्वचीय रंग कि एक समस्या है, तब ऐसे लोगों का इलाज करना ज्यादा संभव एवम आसान हो जाएगा |
हमें हमेशा ऐसे डॉक्टरों से सलाह लेना चाहिए जो इस रोग के प्रति विशेष योग्यता रखते हों |
2) एक अभिभावक के रूप में सफ़ेद दाग के साथ मुकाबला :-
बच्चे इस रोग से सबसे अच्छी तरह से मुकाबला तभी कर सकते है, जब उनके अभिभावक इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित न हों | अभिभावकों कि ज्यादा चिंता बच्चे के मन में इस बात के लिए परेशानी तथा हीन भावना पैदा कर सकती है |
आइये जानें इस बात पर कैसे काबू पाया जा सकता है |
सबसे पहले तो अपने बच्चे को यह बताना होगा कि सफ़ेद दाग एक बहुत छोटी सी त्वचा कि समस्या है | यह कोई गंभीर समस्या नहीं है |
बच्चे को इस बात के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि यदि शिक्षक, उसके साथी या कोई रिश्तेदार उससे इसके बारे में पूछे तो उसे क्या जवाब देना चाहिए | उसे यह भी समझाना चाहिए कि इस बात का जवाब देते समय वह इस बात को ज्यादा गंभीरता से न ले और दृढ़ता पूर्वक जवाब दे | अभिभावक को अपने परिवार के सभी सम्माननीय एवम जिम्मेदार सदस्यों को भी यह समझाना चाहिए कि वे लोग बच्चे से इस विषय पर बात न करें |
अपने बच्चे कि सफ़ेद दाग कि समस्या के बारे में बार - बार चर्चा नहीं करनी चाहिए | बच्चे के सामने ल्युकोडर्मा से सम्बंधित नकारात्मक बातें कभी नहीं करनी चाहिए | उसके संक्रमित स्थान का निरीक्षण उसके सो जानें पर करना चाहिए |
यदि आप से आपका बच्चा यह पूछे कि इसके लिए कुछ इलाज करेंगे कि नहीं तो उसे जवाब देते हुए यह कहना चाहिए कि यह त्वचा में होने वाली अन्य छोटी- छोटी समस्याओं जैसी ही समस्या है जो स्वतः ही ठीक हो जाएगी |
हमेशा अपने बच्चे का उचित ख्याल रखें अवं उसे ज्यादा से ज्यादा प्यार देकर उसके पसंदीदा कार्यों में उसका ध्यान केंद्रित कराएं |
सफ़ेद दाग कि वजह से हमें अपने बच्चे कि खुशियों से सम्बंधित क्रियाओं पर रोक नहीं लगानी चाहिए | यहाँ तक कि उसे इस बात के लिए भी कभी मना नहीं करना चाहिए कि वो ऐसे कपडे न पहने जिससे दिखने लगे | हमेशा अपने बच्चे को सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जैसे पार्टी खेलकूद, तैराकी आदि |
अपने बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ा उसे सफ़ेद दाग से लड़ने कि क्षमता प्रदान करना चाहिए |
3) एक नागरिक ( जो सफ़ेद दाग से ग्रस्त नहीं है ) के रूप में के रूप में सफ़ेद दाग के साथ मुकाबला :-
सफ़ेद दाग त्वचा की कोई संक्रामक बीमारी नहीं है | जो लोग इस रोग से संक्रमित होते है वे लोग भावनात्मक रूप से ज्यादा पीड़ित होते हैं | एक सभ्य एवम जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्त्तव्य है कि हम सफ़ेद दाग रोग से ग्रस्त रोगी के प्रति स्वस्थ्य वातावरण का निर्माण करें |
हमें कभी भी ऐसे लोगों को घूरना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा करना उन्हें हीन भावना का एहसास दिलाना होता है |
हमें ऐसे लोगों से इस विषय पर कोई चर्चा जैसे यह कैसे हुआ, कब से हुआ, नहीं करना चाहिए |
ऐसे लोगों के प्रति दया या ज्यादा सहानुभूति भी उन्हें मानसिक पीड़ा पहुँचाना ही होता है | ऐसे लोग सिर्फ ये चाहते है कि उनसे भी सामान्य लोगों कि तरह व्यव्हार किया जाए |